पीएम किसान निधि
महिला किसानों के लिए सम्मान निधि 6 हजार से 12 हजार करने की तैयारी…
आर्थिक रूप से वंचित महिलाओं के लिए कैश स्कीम लाने पर भी विचार
पीएम किसान निधि दिल्ली लोकसभा चुनाव में उतरने से पहले मोदी सरकार महिलाओं के लिए कई योजनाएं लाने की तैयारी में है। एक फरवरी को अंतरिम बजट में कई अहम घोषणाएं हो सकती हैं। इसके तहत, महिला किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि सालाना छह हजार से 12 हजार रुपए हो सकती है। साथ ही, आर्थिक रूप से वंचित महिलाओं के लिए भी कैश ट्रांसफर स्कीम की योजना है। केंद्र सरकार 21 वर्ष से अधिक उम्र की उन महिलाओं के लिए भी कैश ट्रांसफर स्कीम लाने पर विचार कर रही हैं, जिन्हें सरकार की किसी भी वेलफेयर स्कीम का लाभ नहीं मिल रहा मनरेगा में महिला वर्कर कोप्राथमिकता दी जाएगी। मनरेगा मेंमहओं की हिस्सेदारी 59.26% है, जो 2020-21 में 53.19% थी। महिला किसानों की राशि दोगुनी करने से सरकार पर 120 करोड रुपए अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। इस योजना में सरकार 15 किस्तों में किसानों के खाते में 2.8 लाख करोड़ से ज्यादा की राशि भेज चुकी है। भारत में करीब 26 करोड़ किसान हैं। देश में 13% महिला किसानों के नाम जमीन है।
आम चुनाव 2024 से पहले केंद्र सरकार प्रधानमंत्री किसानसम्मान निधि कार्यक्रम के तहत पात्र महिला किसानों को मिलने वाले वार्षिक भुगतान को दोगुना कर 12,000 रुपये करने पर विचार कर रही है। एक फरवरी को आने वाले बजट में इसकी घोषणा हो सकती है।
पीएम किसान निधि
सशक्तीकरण
देश में 26 करोड़ से अधिक किसान हैं जो 1.4 अरब आबादी वाले देश में अपने परिवारों के साथ एक बड़ा मतदाता समूह हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, कुल किसानों में 60 फीसदी महिलाएं हैं, लेकिन उनमें से 13% से भी कम के पास अपनी जमीन है। महिला किसानों को वित्तीय सहायता बढ़ाने से सरकारी वित्त पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि 550 अरब डॉलर के अनुमानित बजट में यह राशि बेहद कम होगी।
10 साल में 16.8 लाख करोड़ रु. सीधे खाते में भेजे गए…
2013 के बाद केंद्र सरकार ने 16.8 लाख करोड़ रुपए सीधे बैंक खाते में भेजे हैं। इनमें 33% राशि 2020-21 में भेजी गई हैं। करीब 319 योजनाओं के तहत लाभार्थियों के खाते में यही राशि पहुंचाई गई है। रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान करीब 70 करोड़ लोगों को डायरेक्ट कैश ट्रांसफर स्कीम का लाभ मिला है।
आम चुनाव में 35 करोड़ महिलाएं वोट डालेंगी, भाजपा की जीत में इनका अहम योगदान रहा है
देश में अवैतनिक महिलाओं का इकोनॉमी में जबरदस्त योगदान है। एनएसएस के डेटा के मुताबिक ऐसी महिलाओं का योगदान 22.7 लाख करोड़ रु. है, जो जीडीपी का 7.5% है। 2014 में वोटर टर्न आउट 13.7 करोड़ बढ़कर 55 करोड़ पहुंच गया। 26 करोड़ महिलाएं थीं। 1962-2019 के बीच पड़े औसत टर्नआउट से 5.5 गुना अधिक था। 2019 में 62 करोड़ वोट पड़े। इनमें 30 करोड़ महिलाएं थीं। • 23 विस चुनावों में 17 में पुरुषों से अधिक वोट महिलाओं ने डाले।
सी वोटर के मुताबिक एमपी चुनाव में भाजपा को महिलाओं की कैश ट्रांसफर स्कीम का फायदा मिला। महिलाओं के 51% और कांग्रेस को 46.2% वोट मिले। दो स्टडी के मुताबिक 2022 के फरवरी-मार्च मैं 5 राज्यों के चुनाव में से 4 में भाजपा को पुरुषों से अधिक महिला वोट मिले और भाजपा सरकार बनी। • केंद्र ने एक लाख लखपति दीदी बनाने की योजना शुरू की है। संसद में 33% आरक्षण का बिल पास किया है, जो 2029 में लागू हो सकता है। सस्ते होम लोन पर विचार।
महिलाओं के लिए 2.23 लाख करोड़ की योजनाएं
केंद्र की वेलफयेर स्कीम में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ रही है। सरकार जेंडर बजटिंग में साल- दर-साल 30% इजाफे के लक्ष्य के साथ काम कर रही है। मोदी सरकार ने जेंडर बजट को 2023- 24 के बजट अनुमान में 2.23 लाख करोड़ तक बढ़ा दिया है, जो 2013-14 में 1 लाख करोड़ से कम थी।। यानी 10 साल में दोगुने से अधिक बढ़ोतरी की है।
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